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November 23, 2024
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हीटवेव से तप रही दिल्ली, राजस्थान में टूटा रिकॉर्ड, आखिर क्यों पड़ रही है भीषण गर्मी

सच में अब दूर आसमान में बादल के एक टुकड़े को देखने के लिए निगाहें तरस रही हैं। बादल दिखने, झमाझम बारिश का इंतजार भारत के कुछ राज्यों के लोगों को है कि कब बादल आएं और बस एक बार जल्दी से बरस जाएं। इस चिलचिलाती गर्मी में घर से बाहर काम करने वालों के लिए दया आती है ये देखकर भी तपती गर्मी में भी वेल्डिंग का काम हो, रिक्शा चलाने वाले हों या दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, गर्मी में भी घर से बाहर निकलना उनकी मजबूरी है। रोजगार के लिए गर्मी हो, बरसात हो या जाड़ा, घर से निकलना ही पड़ता है।

राजस्थान में गर्मी ने तोड़ा रिकॉर्ड

इस साल बसंत का मौसम तो पता ही नहीं चला, जाडे़ का मौसम खत्म होते ही गर्मी शुरू हो गई। मई के महीने में ही जलती-चुभती गर्मी सताने लगी है। गर्मी की वजह से पूरा आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। देश के कई हिस्सो में भीषण गर्मी पड़ रही है। मरुभूमि राजस्थान की बात करें तो प्रदेश के पिलानी जिले में इस बार गर्मी ने 25 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 28 मई 2024 को पिलानी का अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। तो वहीं चूरू का अधिकतम तापमान 50.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

इन राज्यों में भी पड़ रही है चुभती गर्मी

राजस्थान के साथ ही दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी तापमान ने रिकॉर्ड बनाया है। पंजाब के बठिंडा में आज दिन का तापमान 49.3 डिग्री सेल्सियस रहा तो वहीं हिसार में अधिकतम तापमान 49.3 डिग्री और सिरसा में 50.3 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। दिल्ली के मुंगेशपुर में 49.9, नजफगढ़ में 49.8, नरेला में 49.9 सेल्सियस डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। मुंगेशपुर और नरेला में दर्ज किया गया तापमान दिल्ली के इतिहास में अब तक का सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान है।

मध्य प्रदेश के निवाड़ी में 28 मई का अधिकतम तापमान 48.5 डिग्री, दतिया में 48.4, रीवा में 48.2, खजुराहो में 48 डिग्री दर्ज किया गया है। तो वहीं यूपी के झांसी में अधिकतम तापमान 49 डिग्री, प्रयागराज में 48.2 डिग्री, वाराणसी में 47.6 डिग्री और कानपुर में 47.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

इस गर्मी और हीटवेव के कारण न तो दिन में चैन है ना ही रात में चैन है। मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल कुछ दिनों तक गर्मी से राहत के आसार नहीं है लेकिन, विभाग ने कहा है कि 29 मई से पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने से थोड़ी राहत मिल सकती है।

आखिर हीटवेव की असली वजह क्या है?

भौगोलिक स्थिति की बात करें तो रेगिस्तान में वायुमंडलीय बदलाव होने पर सीधा असर उत्तर पश्चिम में पड़ता है। मई में सूरज की गर्मी की वजह से रेगिस्तान गर्म हो जाता है और तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। वायुमंडलीय स्थितियां सूखी रहती हैं, इस समय ह्यूमिडिटी खत्म हो जाती है. या बेहद कम रहती है। सूखा और उसके साथ हवा की दिशा दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में गर्मी बढ़ा देती है। गर्मी की दूसरी वजह पश्चिम से आ रही गर्म हवा भी है। इससे रेगिस्तानी गर्मी बहकर उत्तर-पश्चिम के मैदानी इलाकों में आती है। इसकी वजह से दिल्ली और उसके आसपास का तापमान तेजी से बढ़ जाता है।

पछुआ हवा की वजह से बढ़ी है गर्मी

ऐसा इसलिए भी हुआ है क्योंकि मुख्य रूप से मानसून कमजोर हो रहा है और इसके कारण अल नीनो भी कमजोर हो रहा है। जिसकी वजह से एशिया में गर्म, शुष्क मौसम और अमेरिका के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। पाकिस्तान में पड़ रही भयंकर गर्मी का असर भारत पर भी पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ उत्तर भारत में ना तो बारिश है और ना ही कहीं बादल दिख रहे हैं। अभी चारों तरफ से गर्म हवाएं आ रही हैं औऱ ये पछुआ हवाएं हैं जो गर्म होती हैं। पुरवा हवाएं चलेंगी तो नमी लेकर आएंगी और थोड़ी राहत मिलेगी।

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