केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन में छात्र एवं छात्राओं को संबोधित किया। शाह ने इस मौके पर कहा कि मैं गौरवान्वित हूं कि मैं विद्यार्थी परिषद का एक ऑर्गेनिक प्रोडक्ट हूं। उन्होंने कहा कि मुझे चार दशक पहले का समय याद आ रहा है, जब मैं कार्यकर्ता के रूप में पिछली पंक्ति में बैठा करता था। शाह ने कहा, ‘चीन युद्ध के बाद पूर्वोत्तर को देश से जोड़े रखने का कार्य करने में परिषद की भूमिका महत्वपूर्ण है। ABVP वह मूर्ति है, जिसे यशवंतराव केलकर, मदनदास देवी, दत्ताजी डिडोलकर जैसे अनेकों महान शिल्पियों ने 75 वर्षों की इस यात्रा में गढ़ा है।’
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अमित शाह ने कहा, ‘कश्मीर हो या गुवाहाटी, अपना देश अपनी माटी…ये नारा लगा कर हम ABVP के कार्यकर्ता बड़े हुए। और आज कश्मीर भी हमारा है और नार्थईस्ट भी। चाहे भाषा व शिक्षा का आंदोलन हो या संस्कृति को बरकरार रखना हो, हर क्षेत्र में विद्यार्थी परिषद ने युवाओं के माध्यम से समाज को ‘स्व’ का महत्त्व बताया है। यह देश के लिए जीने का समय है, युवा भारत माता को जीवन समर्पित करने के संकल्प के साथ इस अधिवेशन से जाएं और समाज को भी इस दिशा में एकजुट करें।’
बता दें कि ABVP के राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के प्रत्येक जिले व विश्वविद्यालयों से 10 हजार से अधिक छात्रा-छात्र पहुंचे हैं। इस वर्ष छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ भी है। इसी उपलक्ष्य पर ABVP ने बीते 28 नवम्बर को महाराष्ट्र के रायगड क़िले से हिन्दवी स्वराज्य यात्रा भी शुरू की थी जो देश के 75 जिलों से गुजरते हुए विभिन्न स्थानों की मिट्टी कलश में एकत्रित कर 7 दिसंबर को विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन स्थल पर समाप्त हुई। बता दें कि मौजूदा दौर में बीजेपी के कई नेताओं ने राजनीति का ककहरा ABVP में ही सीखा था।